मेरा नाम अंकित बालमिकी है। मेरी उम्र 21 वर्ष है। मै झाँसी शहर का रहने वाला हूँ। मै एक वर्ष से काफ़ी बिमार था। मुझे अकसर बुखार बना रहता था। डॉक्टर के कई चक्कर काटे, पर कोई फ़ायदा नही मिला। डॉ. के कहने पर मैने अपने बल्ड की जाँच कराई, तब पता चला कि मेरे बल्ड मे प्लेटलैट्स की कमी है, और कहा कि प्लेटलैट्स बढाने के लिए कई इंजैकशन लगवाने पड़ेंगे, जिसमे एक की कीमत करीब 5,000 रू बताई। 1-2 बार तो मैने इंजैकशन लगवाया, लेकिन मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मै और इलाज नही करवा पाया। डॉ. ने मुझे और डरा दिया, कि यदि इलाज पूरा ना करवाया तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। मै तो हार मान चुका था, तभी मेरे एक मित्र ने मुझे बताया कि तुम गेहूँ के ज्वारे का रस का सेवन करो, इससे बल्ड बनेगा और प्लेटलैट्स भी बढेंग। लेकिन इसे उगाना और तैयार करना मेरे बस का नही था। कई लोगो से पूछताछ भी करी, कि शायद यह रस कही मिलता होगा, और कहते है ना कि ढूँढने से तो भगवान भी मिल जाते है। और एक दिन किसी ने मुझे बताया की सदर मे यह जूस कोई बनाता है। मैने अगले वहाँ गया और तब से इसका सेवन करने लगा। एक हफ़्ते बाद जब मैने बल्ड की जाँच कराई तो पाया कि जो प्लेटलैट्स पहले 20 हजार थे, वे अब 1 लाख से ज्यादा हो गये है। डॉ. भी रिपोर्ट देखकर चौंक गये। अब मै जब भी किसी की इस तरह की परेशानी देखता हूँ तो ज्वारे के रस के बारे मे बताता हूँ।
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मोटपे मे गेहूं के ज्वारे उपयोगी होते है क्या? कृपया यदि कोई जानकारी हो तो उपलब्ध कराऐं।
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